चन्द कल्पनाओ के फूल
कुछ सपने और
एक मुस्कराती सी बारिश
हाथों से तराशा हुआ
एक चाँद और
कुछ सितारे ताज़ी बर्फ
से बनाके
सोचता हूँ तोहफा दूं तुम्हें
एक हँसी का शहर
एक मुस्कराने की वजह
और कागज पे
तराशी हुई दो चमकदार
आँखें
और रूई के फाये से बने
बरसते बादल
सोचता हूँ तोहफा दूं तुम्हे
एक सर्दी की फीकी सी सुबह
शबनम से भीगा एक रस्ता
तेरे-मेरे घर तक
एक अपनी सी शाम
और मेरे प्यार का समुंदर
तेरी उंजरियों मे
सोचता हूँ तोहफा दूं तुम्हें
तुम्हारी बर्षगाँठ पे …
~विनय